स्वागत है श्रीमान
स्वागत है श्रीमान तुम्हारा बसंत ऋतु हे आई
चलो घूमने चलते हैं हाथों में ले हाथ कहीं।
बाग बगीचे महक नहीं है सुंदर फूलों के साथ,
लावण्य उन पर बिखर रहा है मधुमास का साथ।
कोयल देखो कुहक रही है मृदु रस की बरसात करें।
प्रकृति भी मानो देखो कितना सुंदर श्रृंगार करें।
पुराने पात्त देखो झड़ते हैं, कपोल नूतन रूप धरे।
फूल खिले हैं प्यारे-प्यारे मन को मोहते हैं सारे,
आने का निमंत्रण स्वीकार हो आप पधारो द्वार हमारे।
कोई कमी ना होगी स्वागत में आपके श्रीमान
आ जाओ एक बार बसंत ऋतु का साथ।
बसंती मौसम मन मोहे, कर रहा सिंगार
भूल जाओगे हर बात पाकर इस मौसम का साथ।
हर दिन लगेगा प्यार में मिलकर रंगों की बहार
दिवाली जैसी सजेगी तेरी मेरी हर दिन हर रात
बसंत ऋतु में आपका स्वागत है श्रीमान।
रचनाकार ✍️
मधु अरोरा
24.2.2023
Alka jain
01-Mar-2023 06:57 PM
Nice 👍🏼
Reply
Renu
26-Feb-2023 05:10 PM
👍👍🌺
Reply
पृथ्वी सिंह बेनीवाल
25-Feb-2023 10:42 AM
बेहतरीन
Reply